Mere Man Ka Bawra - मेरे मन का बावरा पंछी क्यों बार बार डोले Lyrics

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मेरे मन का बावरा पंछी क्यों बार बार डोले
सपनों में आज किस का रह रह के प्यार डोले

किस के ख़याल में ये नज़रें झुकी झुकी हैं
देखो इधर भी लब पर आहें रुकी रुकी हैं
तुम हो क़रार जिस दिल का वो ही बेक़रार डोले

दिल को लगन है उसकी, मीठी नज़र है जिसकी
हम पास हैं तुम्हारे फिर दिल में याद है किसकी
तुम जो नज़र मिलाओ दिल में बहार डोले

कब से खड़े हुये हैं कह दो तो लौट जाये
तुम्हे दूर ही से देखें हरगिज ना पास आये
आँखों में ज़िंदगीभर तक तेरा इंतज़ार डोले


Mere Man Ka Bawra - मेरे मन का बावरा पंछी क्यों बार बार डोले - Song Info.

Random ( )
Singer:
Music Directors:
Lyricists: अमरदीप (१९५८)
 Hindi Song