Din Ja Rahe Hain ke Raaton Ke Saaye - दिन जा रहे हैं के रातों के साये Lyrics

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दिन जा रहे हैं के रातों के साये
अपनी सलीबें आप ही उठाये

जब कोई डूबा रातों का तारा
कोई सवेरा वापस ना आया
वापस जो आये वीरान साये

जीना तो कोई मुश्किल नहीं था
मगर डूबने को साहिल नहीं था
साहिल पे कोई अब तो बुलाये

साँसों की डोरी टूटे ना टूटे
जरा जिंदगी से दामन तो छूटे
कोई ज़िन्दगी के हाथ न आये


Din Ja Rahe Hain ke Raaton Ke Saaye - दिन जा रहे हैं के रातों के साये - Song Info.

Random ( )
Singer:
Music Directors:
Lyricists: दूसरी सीता (१९७४)
 Hindi Song