Tere Pyaar Ka Aasara Chahta Hoon - तेरे प्यार का आसरा चाहता हूँ Lyrics

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तेरे प्यार का आसरा चाहता हूँ
वफ़ा कर रहा हूँ, वफ़ा चाहता हूँ

हसीनों से एहद-ए-वफ़ा चाहते हो
बड़े नासमझ हो ये क्या चाहते हो

तेरे नर्म बालों में तारें सजा के
तेरे शौख कदमों में कलियाँ बिछा के
मोहब्बत का छोटा सा मंदिर बना के
तुझे रातदीन पूजना चाहता हूँ

ज़रा सोच लो दिल लगाने से पहले
के खोना भी पड़ता है पाने से पहले
इजाज़त तो ले लो जमाने से पहले
के तुम हुस्न को पूजना चाहते हो

कहा तक जिये तेरी उल्फ़त के मारे
गुजरती नहीं जिंदगी बिन सहारे
बहोत हो चूके दूर रहकर इशारे
तुझे पास से देखना चाहता हूँ

मोहब्बत की दुश्मन है सारी खुदाई
मोहब्बत की तकदीर में है जुदाई
जो सुनते नहीं हैं दिलों की दुहाई
उन्ही से मुझे माँगना चाहते हो

दुपट्टे के कोने को मुँह में दबा के
ज़रा देख लो इस तरफ मुस्कुराके
मुझे लूट लो मेरे नज़दीक आ के
के मैं मौत से खेलना चाहता हूँ

गलत सारे दावे, गलत सारी कस्में
निभेंगे यहाँ कैसे उल्फ़त के रस्में
यहाँ जिंदगी है रिवाजों के बस में
रिवाजों को तुम तोड़ना चाहते हो

रिवाजों की पर्वा ना रस्मों का ड़र है
तेरी आँख के फ़ैसले पे नज़र है
बला से अगर रास्ता पुरखतर
है
मैं इस हाथ को थामना चाहता हूँ


Tere Pyaar Ka Aasara Chahta Hoon - तेरे प्यार का आसरा चाहता हूँ - Song Info.

Dhool Ka Phool ( 1959 )
Singer: Lata Mangeshkar - Mahendra Kapoor
Music Directors: N.Dutta
Lyricists: Saahir Ludhiyanvi
 Hindi Song