Yahan Main Ajnabee Hoon - यहाँ मैं अजनबी हूँ Lyrics

Are you looking for Yahan Main Ajnabee Hoon - यहाँ मैं अजनबी हूँ lyrics form movie Jab Jab Phool Khile ( 1965 )? If Yes, then you have reached at right place because here we have shared lyrics of most popular song Yahan Main Ajnabee Hoon - यहाँ मैं अजनबी हूँ sung by our favourite singer Mohammad Rafi. This awesome song written by Anand Bakshi and directed by Kalyanji Anandji.


कभी पहले देखा नहीं ये समा
ये मैं भूल से आ गया हूँ कहाँ

यहाँ मैं अजनबी हूँ, मैं जो हूँ बस वही हूँ

कहाँ शाम-ओ-सहर ये, कहाँ दिन रात मेरे
बहोत रुसवा हुये हैं, यहाँ जज़बात मेरे
नई तहज़ीब है ये, नया है ये जमाना
मगर मैं आदमी हूँ वही सदियों पुराना
मैं क्या जानू ये बातें, ज़रा इन्साफ़ करना
मेरी गुस्ताखियों को खुदारा माफ करना

तेरी बाहों में देखू सनम गैरों की बाहें
मैं लाऊँगा कहाँ से भला ऐसी निगाहें
ये कोई रक़्स होगा, कोई दस्तूर होगा
मुझे दस्तूर ऐसा कहाँ मंजूर होगा
भला कैसे ये मेरा लहू हो जाए पानी
मैं कैसे भूल जाऊँ, मैं हूँ हिन्दुस्तानी

मुझे भी है शिकायत तुझे भी तो गिला है
यही शिकवे हमारी मोहब्बत का सिला है
कभी मग़रिब से मशरिक़ मिला है जो मिलेगा
जहाँ का फूल है जो, वही पे वो खिलेगा
तेरे उँचे महल में नहीं मेरा गुज़ारा
मुझे
याद आ रहा है वो छोटा सा शिकारा


Yahan Main Ajnabee Hoon - यहाँ मैं अजनबी हूँ - Song Info.

Jab Jab Phool Khile ( 1965 )
Singer: Mohammad Rafi
Music Directors: Kalyanji Anandji
Lyricists: Anand Bakshi
 Hindi Song