Dekhi Zamane Ki Yari, Bichhade Sabhi Bari Bari - देखी जमाने की यारी, बिछड़े सभी बारी बारी Lyrics

Are you looking for Dekhi Zamane Ki Yari, Bichhade Sabhi Bari Bari - देखी जमाने की यारी, बिछड़े सभी बारी बारी lyrics form movie Kagaz Ke Phool ( 1959 )? If Yes, then you have reached at right place because here we have shared lyrics of most popular song Dekhi Zamane Ki Yari, Bichhade Sabhi Bari Bari - देखी जमाने की यारी, बिछड़े सभी बारी बारी sung by our favourite singer Mohammad Rafi. This awesome song written by Kaifi Azmi and directed by Sachindev Burman.


देखी जमाने की यारी, बिछड़े सभी बारी बारी
क्या लेके मिले अब दुनिया से, आँसू के सिवा कुछ पास नहीं
या फूल ही फूल थे दामन में, या काँटों की भी आस नहीं
मतलब की दुनिया है सारी, बिछड़े सभी बारी बारी

वक़्त है मेहरबां, आरज़ू है जवां
फ़िक्र कल की करें, इतनी फ़ुर्सत कहाँ

दौर ये चलता रहे, रंग उछलता रहे
रूप मचलता रहे, जाम बदलता रहे

रात भर मेहमान, हैं बहारें यहाँ
रात अगर ढल गयी फिर ये खुशियाँ कहाँ
पल भर की खुशियाँ हैं सारी, बढ़ने लगी बेक़रारी
देखी जमाने की यारी, बिछड़े सभी बारी बारी

उड़ जा उड़ जा प्यासे भँवरें, रस ना मिलेगा खारों में
काग़ज़ के फूल जहाँ खिलते हैं, बैठ ना उन गुलजारों में
नादान तमन्ना रेती में, उम्मीद की कश्ती खेती है
इक हाथ से देती है दुनिया, सौ हाथों से ले लेती है
ये खेल है कब से जारी, बिछड़े सभी बारी बारी


Dekhi Zamane Ki Yari, Bichhade Sabhi Bari Bari - देखी जमाने की यारी, बिछड़े सभी बारी बारी - Song Info.

Kagaz Ke Phool ( 1959 )
Singer: Mohammad Rafi
Music Directors: Sachindev Burman
Lyricists: Kaifi Azmi
 Hindi Song