Raat Ke Humsafar Thak Ke Ghar Ko Chale - रात के हमसफर, थक के घर को चले Lyrics

Are you looking for Raat Ke Humsafar Thak Ke Ghar Ko Chale - रात के हमसफर, थक के घर को चले lyrics form movie An Evening in Paris ( 1967 )? If Yes, then you have reached at right place because here we have shared lyrics of most popular song Raat Ke Humsafar Thak Ke Ghar Ko Chale - रात के हमसफर, थक के घर को चले sung by our favourite singer Asha Bhosle - Mohammad Rafi. This awesome song written by Shailendra and directed by Shankar Jaikishan.


रात के हमसफर, थक के घर को चले
झूमती आ रही है सुबह प्यार की
देखकर सामने रूप की रौशनी
फिर लूटी जा रही है सुबह प्यार की

सोनेवालों को हँसकर जगाना भी है
रात के जागतों को सुलाना भी है
देती है जागने की सदा साथ ही
लोरीयाँ गा रही है सुबह प्यार की

रात ने प्यार के जाम भरकर दिए
आँखों आँखों से जो मैंने तुमने पिए
होश तो अब तलक जा के लौटे नहीं
और क्या ला रही है सुबह प्यार की

क्या क्या वादे हुए, किसने खाई कसम
इस नयी राह पर, हमने रखे कदम
छूप सका प्यार कब, हम छूपाये तो क्या
सब समझ पा रही है सुबह प्यार की


Raat Ke Humsafar Thak Ke Ghar Ko Chale - रात के हमसफर, थक के घर को चले - Song Info.

An Evening in Paris ( 1967 )
Singer: Asha Bhosle - Mohammad Rafi
Music Directors: Shankar Jaikishan
Lyricists: Shailendra
 Hindi Song