Meri Baat Rahi Mere Man Mein - मेरी बात रही मेरे मन में, कुछ कह ना सकी उलझन में Lyrics

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मेरी बात रही मेरे मन में, कुछ कह ना सकी उलझन में
मेरे सपने अधूरे, हुये नही पूरे, आग लगी जीवन में

ओ रसिया, मन बसिया, नस नस में हो तुम ही समाये
मेरे नैना, करे बैना मेरा दर्द ना तुम सुन पाये
जिया मोरा प्यासा रहा सावन में

कुछ कहते, कुछ सुनते क्यों चले गये दिल को मसल के
मेरी दुनिया हुई सुनी, बुझा आस का दीपक जल के
छाया रे अंधेरा मेरी अखियन में

तुम आओ की न आओ, पिया याद तुम्हारी मेरे संग है
तुम्हें कैसे ये बताऊँ, मेरे प्रीत का निराला इक रंग है
लागा हो ये नेहा जैसे बचपन में


Meri Baat Rahi Mere Man Mein - मेरी बात रही मेरे मन में, कुछ कह ना सकी उलझन में - Song Info.

Sahib Bibi Aur Ghulam ( 1962 )
Singer: Asha Bhosle
Music Directors: Hemant Kumar
Lyricists: Shakeel Badayuni
 Hindi Song