Raat Bhar Ka Hai Mehmaan Andhera / रात भरका है मेहमां अंधेरा Lyrics
Are you looking for Raat Bhar Ka Hai Mehmaan Andhera / रात भरका है मेहमां अंधेरा lyrics form movie Sone Ki Chidiya ( 1958 )? If Yes, then you have reached at right place because here we have shared lyrics of most popular song Raat Bhar Ka Hai Mehmaan Andhera / रात भरका है मेहमां अंधेरा sung by our favourite singer Mohammad Rafi. This awesome song written by Saahir Ludhiyanvi and directed by O. P. Nayyar.
मौत कभी भी मिल सकती है
लेकिन जीवन कल ना मिलेगा
मरनेवाले सोच समझ ले
फिर तुझको ये पल ना मिलेगा
रात भरका है मेहमां अंधेरा
किसके रोके रूका है सवेरा
रात जितनी भी संगीन होगी
सुबह उतनी ही रंगीन होगी
ग़म ना कर गर है बादल घनेरा
लब पे शिकवा ना ला अश्क पी ले
जिस तरह भी हो कुछ देर जी ले
अब उखड़ने को है ग़म का डेरा
आ कोई मिलके तदबीर सोचे
सुख के सपनोंकी ताबीर सोचे
जो तेरा है वोही ग़म है मेरा
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