Kya Miliye Aise Logo Se - क्या मिलिये ऐसे लोगों से जिनकी फितरत छुपी रहे Lyrics

Are you looking for Kya Miliye Aise Logo Se - क्या मिलिये ऐसे लोगों से जिनकी फितरत छुपी रहे lyrics form movie Izzat ( 1968 )? If Yes, then you have reached at right place because here we have shared lyrics of most popular song Kya Miliye Aise Logo Se - क्या मिलिये ऐसे लोगों से जिनकी फितरत छुपी रहे sung by our favourite singer Mohammad Rafi. This awesome song written by Sahir Ludhiyanvi and directed by Laxmikant Pyarelal.


क्या मिलिये ऐसे लोगों से जिनकी फितरत छुपी रहे
नकली चेहरा सामने आये, असली सुरत छुपी रहे

खुद से भी जो खुद को छुपाये क्या उनसे पहचान करे
क्या उनके दामन से लिपटे, क्या उनका अरमान करे
जिनकी आधी नियत उभरे, आधी नियत छुपी रहे
नकली चेहरा सामने आये

दिलदारी का ढोंग रचाकर जाल बिछाये बातों का
जीते जी का रिश्ता कहकर सुख
ढूंढे कुछ रातों का
रूह की हसरत लब पर आये, जिस्म की हसरत छुपी रहे
नकली चेहरा सामने आये

जिनके जुल्म से दुखी हैं जनता हर बस्ती और गाँव में
दयाधर्म की बात करे वो बैठ के सजी सभाओं में
दान का चर्चा घर घर पहुचे, लूट की दौलत छुपी रहे
नकली चेहरा सामने आये

देखे इन नकली चेहरों की कब तक जयजयकार चले
उजले कपड़ों की तह में कब तक काला संसार चले
कब तक लोगों की नजरों से छुपी हक़ीकत छुपी रहे
नकली चेहरा सामने आये


Kya Miliye Aise Logo Se - क्या मिलिये ऐसे लोगों से जिनकी फितरत छुपी रहे - Song Info.

Izzat ( 1968 )
Singer: Mohammad Rafi
Music Directors: Laxmikant Pyarelal
Lyricists: Sahir Ludhiyanvi
 Hindi Song