Khuli Palak Mein Jhoota Gussa - खुली पलक में झूठा गुस्सा, बंद पलक में प्यार Lyrics

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जरा ठहरो, सदा मेरे दिल की जरा सुनते जाओ

खुली पलक में झूठा गुस्सा, बंद पलक में प्यार
जीना भी मुश्किल, मरना भी मुश्किल
आँखों में इकरार की झलकी, होठों पे इन्कार
जीना भी मुश्किल, मरना भी मुश्किल

जिस दिन से देखा तुमको, तुम लगे मुझे अपने से
और आके रहे आँखों में, एक मनछाहे सपने से
समझ न आये क्या जीता मैं और गया क्या हार
जीना भी मुश्किल, मरना भी मुश्किल

तुम प्यार छुपा के हारे, मैं प्यार जता के हारा
अब तो सारी दुनिया पे, जाहिर है हाल हमारा
पँहुच के इस मंजिल पे लौटना अब तो हैं दुश्वार
जीना भी मुश्किल, मरना भी मुश्किल

इसे मेरी बात ना समझो, क्या बनता है बात बनाके
कुछ कहना था मेरे दिल का , जाता हूँ वही दोहराके
ना हो यकीं तो पढ़कर देखो आँखों में इकबार
जीना भी मुश्किल, मरना भी मुश्किल


Khuli Palak Mein Jhoota Gussa - खुली पलक में झूठा गुस्सा, बंद पलक में प्यार - Song Info.

Random ( )
Singer:
Music Directors:
Lyricists: प्रोफेसर (१९६२)
 Hindi Song